VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – हरियाणा सरकार में हज कमेटी के सदस्य अकबर खान राणा ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी ने विश्व को सकते में डाल रखा है। ऐसे में विकसित कहे जाने वाले बड़े-बड़े शक्तिशाली राष्ट्र भी इस मुसीबत से निजात पाने में असहाय नजर आते हैं। ऐसे में मुसलमानों का भी कर्तव्य बनता है कि सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। उन्होंने निजामुद्दीन मरकज पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अपने ही देश में कुछ नासमझ लोग बड़ी गलतियां कर रहे हैं जिसका खमियाजा संपूर्ण समाज को भुगतना पड़ रहा है। इस्लाम में कहा गया है कि अल्लाह बड़ा ही दयावान है और वह किसी का भी बुरा नहीं चाहता। ख्खुदा ने किसी भी मजबूरी के चलते इंसानों को अपनी इबादत में भी खूब ढील की गुंजाइश दी है। इसीलिए कोरोना के प्रकोप के चलते दुनिया के तमाम मुस्लिम मुल्कों में इबादतगाहें और अन्य धार्मिक इदारे जैसे मस्जिदें व मदरसे आदि बंद कर दिए गए हैं। यहां तक कि मुसलमानों के सर्वोच्च धार्मिक स्थल मक्का और मदीना को भी अभी बंद रखा गया है। मुसलमानों का फर्ज बनता है कि वे ऐसा कार्य करें जिससे निजामुद्दीन जैसी दूसरी कोई घटना घटित ना हो। सुनने में आया है कि बहुत सारे लोगों ने घरों में और छतों पर अस्थाई मस्जिदें कायम कर ली हैं, यह गलत है। इस्लाम में किसी की हत्या कर देना और आत्महत्या करना दोनों ही का बड़े गुनाहों में शुमार होता है। घरों में व छतों पर अस्थाई रूप से मस्जिदें बनाकर नमाज अता करना हत्या व आत्महत्या कर दिए जाने जैसा गुनाह है। इस प्रकार के कार्यों से संक्रमण फैलने का बहुत बड़ा अंदेशा रहता है। उन्होंने मस्जिदों-मदरसों के जिम्मेदाराना इमाम साहेबान से गुजारिश की कि मस्जिदें व धार्मिक संस्थान पूरी तरह से बंद रखे। अगर वहां कोई बाहरी व्यक्ति ठहरा हुआ है तो प्रशासन को तुरंत आगाह करें। अकबर खान ने मुस्लिमों से आह्वान किया कि सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें, इसी में हम सब, समाज, देश व पूरी मानवता की भलाई है।
