VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – सफीदों उपमण्डल के गांव रजानाकलां मे सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जारी हुई सूचना मे 74 लोगों को लंबे समय से फर्जी दस्तावेजात के आधार पर बुढापा पेंशन जारी किए जाने की पुष्टि हुई तो शिकायत होने पर विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन शिकायतकत्र्ता द्वारा मामला हाईकोर्ट मे दायर करने के बाद जब सरकार को वहां तलब किया गया तब हाईकोर्ट मे जबाब प्रस्तुत करने को जिला समाज कल्याण विभाग ने ऐसे सभी पेंशनधारियों की पेंशन काट दी है और उन्हें उन द्वारा ली गई पेंशन राशी को एक सप्ताह के भीतर विभाग मे जमा कराने के नोटिस जारी किए गए हैं। ऐसे 16 लोगों की पेंशन पिछले सप्ताह काटी बताई गई। इसकी पुष्टि करते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज देवी ने बताया कि ऐसे सभी पेंशनधारियों की पेंशन काट दी गई है और बीते शुक्रवार को उन्हें ली गई पेंशनराशी एक सप्ताह के भीतर विभाग के पास जमा कराने के नोटिस जारी किए गए हैं। बता दें कि इस गांव के दलबीर सिंह ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत इस आशय की जानकारी मांगी थी जिसमे पाया गया कि इस गांव के 74 लोगों को फर्जीवाड़ा कर निर्धारित आयु से बहुत पहले बुढापा पेंशन जारी की गई। दलबीर ने बताया कि उसने संबंधित अधिकारियों को कई बार दस्तावेजी सबूतों के साथ शिकायत की लेकिन क्योंकि विभागीय अमला इसमे साजबाज था, कोई कार्रवाई नहीं की गई और आखिर उसे कार्रवाई कराने को हाईकोर्ट मे याचिका दायर करनी पड़ी जिसमे सरकार को तलब किया गया है और अगली तारीख पेशी 15 नवंबर है। उसने बताया कि गांव के कई लोग ऐसे हैं जो पेंशनधारी हैं और उम्र मे 45 के भी नहीं है जबकि बुढापा पेंशन के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु 60 वर्ष है। उसका कहना है कि एक फर्जी शैक्षिक अंकतालिका पर ही फर्जीवाड़ा कर दर्जनभर लोगों को पेंशन जारी कर दी गई और इतना कुछ स्पष्ट होने पर भी विभाग ने आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराया है। बता दें कि इस उपमण्डल के गांव मुआना में भी घूस देकर बुढापा पेंशन जारी किए जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं जहां संबधित विभागीय कर्मचारियों के दर्जन भर एजैंट काम कर रहे बताए गए हैं।
