VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – गांव रामपुरा स्थित न्यू बीएसएम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वीरवार बाल सलाह परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम अधिकारी मलकीत चहल ने की। शिविर में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि मानव जीवन एक परीक्षा केंद्र की तरह ही तो है। उन्होंने कहा कि सफलता, असफलता या विशेष उपलब्धि इस बात पर निर्भर करती है कि हमारी तैयारी कैसी है। जहां तक विद्यार्थी जीवन की बात करें, तो परीक्षा का महत्व बढ़ जाता है। वार्षिक परीक्षा का उद्देश्य एक तरह से प्रत्येक वर्ष आत्म- अवलोकन, खुद की छटनी करके अगली कक्षा के लिए अग्रसर होना है। नियम यहां भी सामान्यत वही होते हैं, जो जीवन की परीक्षा के लिए निर्धारित किए गए हैं। परीक्षा तनाव प्रबंधन से पहले तनाव के कारणों को जाना पड़ेगा। परीक्षा तनाव प्रबंधन हेतु खुद से खुद की पहचान करें, वास्तविक वस्तुस्थिति को जाने,विषयों की संक्षिप्त सूची बनाएं, तत्पश्चात प्राथमिकताएं तय करें।

बहुत ज्यादा नया समझने की कोशिश ना करें। जितना समझा गया है, खुद पर भरोसा है तो उसी को याद करें और उसी को अच्छे से दोहराएं हमेशा याद रहे कि इस वर्ष की परीक्षा अंतिम नहीं है। हिम्मत ना हारे, हौसला कायम रखें, नंबरों पर नहीं खुद की क्षमता अनुसार बेहतर से बेहतर प्रयास करें। किसी भी कारण से अगर परीक्षा में खराब प्रदर्शन हुआ है तो इसका मतलब बिल्कुल यह ना समझे कि आपने काबिलियत नहीं है। पूर्व परीक्षा में जो गलती रही है उन्हें जाने, सुधारें, उनसे सबक लें, कोशिश करें कि वह सब गलतियां दोहराई ना जाए। व्यवधान दूर करें, सोशल मीडिया से जितना हो सके दूरी कायम करें। समय के महत्व को समझे ,प्रबंधन की कला सीखे, टालमटोल छोड़ दे। जो कुछ भी है वर्तमान में हैं। शांत, धीमा, संगीत सुनें, एक समय में एक ही कार्य पर ध्यान दें। मानव जीवन में तनाव स्वभाविक है। अगर दिनभर उसके बारे में नकारात्मक सोचेंगे तो आप खुद को मानसिक तौर पर हताश, परेशान, नाकारा, महसूस करने लगेंगे। जरूरी है सकारात्मक ,आशावादी नजरिया, हंसी-खुशी रहे। इस मौके पर स्कूल प्रबंधक अनिल खर्ब, स्कूल चेयरमैन अरुण खर्ब, ने विश्वदीप आदि विशेष रूप से उपस्थिति रहें।
