VS News India | Reporter – Vinay Balmiki | Shravasti : – पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिवस का जश्न अकीदत और शान-ओ-शौकत से मनाने की तैयारिया तेज हो चली हैं। यूं तो माह रबीउल अव्वल का चाद निकलते ही यह तैयारियों शुरू हो जाती हैं। लेकिन बारावफात की तारीख करीब आते-आते यह तैयारियां भी शबाब पर पहुंचने लगती हैं। बाजार में इस्लाम धर्म की हरे रंग के झंडे बिकने लगे हैं। तमाम लोगों ने अपने घरों की छत पर इन झंडों को लगा दिया है। शाम ढलते ही घरों से मिलाद (मोहम्मद साहब के जन्म के समय गायी जाने वाले शेरो शायरी) की आवाजें गूंजने लगी हैं। विभिन्न कस्बों सहित शहर के मुहल्लों में जुलूस-ए-मोहम्मदी में शरीक होने के लिए लोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। यह जुलूस कल निकाला जाएगा। यह जुलूस मदरसा अंजुमन इस्लामिया के तत्वावधान में निकाला जाएगा। अंजुमन के अध्यक्ष रहीम खां ने बताया कि जुलूस सुबह सात बजे ईदगाह तिराहे से शुरू होगा। यह जुलूस अस्पताल चौराहा, शहीद मर्द बाबा, पुरानी बाजार, दहाना होते हुए शाम को पुन: ईदगाह तिराहे पर आकर समाप्त होगा। अंजुमन के सदस्य और सभासद आमीर खान ने बताया कि पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब का जन्म और मृत्यु एक ही दिन हुई थी। इसलिए जुलूस-ए-मोहम्मदी पूरी अकीदत, पाकीजगी और शान से निकाला जाता है। मिलादुन्नबी यानी इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्मदिन रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख को मनाया जाता है। मक्का शहर में 571 ईसवी को पैगम्बर साहब हजरत मुहम्मद सल्ल. का जन्म हुआ था। इसी की याद में ईद मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाता है। हजरत मुहम्मद सल्ल. ने ही इस्लाम धर्म की स्थापना की है और ये इस्लाम के आखिरी नबी हैं।
