VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – कोरोना महामारी में हरियाणा सरकार ने राजकीय गुरूजनों पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ा दिया है। अब गुरूजन स्कूली बच्चों को दूध, मिड-डे मील के गेहूं व चावल पकाई खर्च के साथ उनके घरों पर जाकर देंगे और साथ ही साथ कई अध्यापकों की ड्यूटी गेंहु खरीद केंद्रों पर भी लगी हुई है। इस आशय का फरमान अध्यापकों को शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किया जा चुका है। सोशल डिस्टैंसिंग को धत्ता बताने वाली इस योजना में अध्यापक अपने स्कूल की कुकिंग टीम व अन्य स्टाफ के साथ रिक्शा में यह सामान लदवाकर घर-घर जाकर शिष्यों को सौंपकर इसकी पावती भी लेंगे। निदेशालय से जारी इस आशय के निर्देश अनुसार इस बार राजकीय स्कूलों की प्राईमरी शाखा के बच्चों को मई व जून के कुल 48 दिन का प्रत्येक बच्चे को 2.160 किलो गेहूं व 2.640 किलो चावल के अतिरिक्त आधा किलो दूध पाऊडर का पैकेट दिया जाना है जबकि अपर प्राईमरी शाखा के हर बच्चे को 3.240 किलो गेहूं, 3.960 किलो चावल के साथ आधा किलो दूध पाऊडर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्राईमरी शाखा के हर बच्चे को मिड-डे मील की कुकिंग लागत के रूप मे कुल 238.56 रूपए तथा अपर प्राईमरी के बच्चे को 357.60 रूपए की राशी दी जानी है। बता देें कि सी एण्ड वी वर्ग के ये अध्यापक जो अपने स्कूल मे मिड डे मील के प्रभारी हैं, आजकल गेहूं की सरकारी खरीद के खरीद अधिकारी हैं, जो खरीद केंद्रों में धूल फांक रहे हैं। इन्हें खरीद अधिकारी की प्रतिनियुक्ति देते समय इनके स्कूल से भी रिलीव नहीं किया गया है। गेहूं की खरीद के काम मे इन्हें डी.ए. आदि का भुगतान होगा या नहीं इस बारे विभागीय अधिकारी स्पष्ट नही हैं।
