VS News India | Jind : – साईबर अपराधी बैंकिंग या अन्य ई-कामर्स की समस्या को सुलझाने के बहाने पीडित के बैंक के साथ पंजीकृत मोबाइल नम्बर से अल्फान्युमेरीक लिंक को किसी खास नम्बर (अलग-अलग बैंक पर निर्भर) पर फाॅरवर्ड करवा लेते हैं और एक बार लिंक फाॅरवर्ड होने के पश्चात् सिम बाईंडिंग को दरकिनार कर पीडित के खाते से सम्बंधित यू0पी0आई0 वाॅलैट अपने मोबाइल में इंस्टाॅल कर लेते हैं। इस प्रकार पीडित के मोबाइल नम्बर से जुडे खातों तक पहुंच बना पैसे की अवैध निकासी कर लेते हैं।
बचाव के लिए सुझाव
- कभी भी कोई लिंक या ओ0टी0पी को किसी नम्बर पर फाॅरवर्ड न करें।
- लोग विभिन्न ई-काॅमर्स कम्पनी इत्यादि के कस्टमर केयर नम्बर गूगल सर्च के माध्यम से प्राप्त नम्बर पर बात करने के पश्चात् इस प्रकार की ठगी का शिकार हुए हैं। अतः कभी भी कस्टमर केयर अधिकारी का नम्बर गुगल सर्च पर न प्राप्त करें। इस कार्य हेतु एयरलाइंस/ई-काॅमर्स कम्पनी की अधिकारिक वेबसाईट का ही इस्तेमाल करें।

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