VS News India | Reporter – Vinay Balmiki | Shravasti : – लव और कुश की जन्म स्थली सीताद्वार में चारों तरफ फैली गंदगी के कारण लोगों का यहां से मोहभंग होता जा रहा है। यहां पर हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर 3 दिनों तक मेला भी लगता जहां लाखो श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है। श्रावस्ती जनपद में स्थित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम चन्द्र जी के पुत्र लव और कुश के जन्म स्थली के चारों तरफ गंदगी व्याप्त है यही नही यहां पर स्थित झील जलकुम्भी से पटा हुआ है, तथा सीता सरोवर की हाल भी अत्यन्त दयनीय बनी हुई है।आगामी पूर्णमासी से कार्तिक पूर्णमासी तक लाखो श्रद्धालु आकर झील में स्नान करेंगे वैसे तो सरोवर की सीढ़ियों पर लोग नित्यकर्म करते हैं। सरोवर में इन दिनों प्रतिबंधित पशुओं का डेरा लगा हुआ है। ऐसे में व्याप्त गंदगी से संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है। चारो तरफ फैली गंदगी को देख कर लगता है कि इस बार श्रद्धालुओं को गन्दगी व जलकुम्भी के बीच स्नान करने को मजबूर होना पड़ सकता है।कार्तिक महीने में पड़ने वाले विभिन्न स्नान पर्वो पर हर साल जिले व दूर दराज से आने वाले लगभग तीन लाख श्रद्धालु प्रसिद्ध सीताद्वार झील में स्नान करते हैं। लोगों में मान्यता है कि इस झील का निर्माण मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम चंद्र जी के अनुज लक्ष्मण ने सीता जी की प्यास बुझाने के लिए किया था।उसी समय माता सीता जी ने आर्शीवाद दिया था कि जो भी इस झील में स्नान करेगा वह चर्म रोग सहित विभिन्न रोगों से छुटकारा पा लेगा। तभी से कार्तिक में धनतेरस, दीपावली, भैयादूज, अक्षय नवमी, देवोत्थानी एकादशी, कार्तिक पूर्णिमा व अन्य पर्वो पर विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति पाने के लिए लोग इस झील में स्नान कर पुण्य लाभ लेते हैं। यही नहीं कुछ सालों से तो रोजाना दर्जनों श्रद्धालु आ करके झील में स्नान करते है और फिर माता सीता जी का दर्शन करते है।
