VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – उपायुक्त आदित्य दहिया ने वाटर कूलर व बैंचों में अनियमित्ताओं के गबन के आरोप में सफीदों के गांव रोझला की महिला सरपंच रेखा को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ-साथ उपायुक्त ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51 (2) के तहत सरपंच रेखा को भविष्य में पंचायत की कोई भी कार्रवाई में भाग लेने पर रोक लगाई है। सरपंच रेखा को ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड, धनराशि, चल-अचल संपत्ति को तत्काल प्रभाव से पंचायत में बहुमत रखने वाले पंच को सौंपने के आदेश दिए है। वहीं खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को निर्देश दिए कि वे बहुमत वाले पंच को चार्ज दिलवाए। गौरतलब है कि उपमंडल के गांव रोझला की महिला राजबाला ने शिकायत 5 सितंबर 2018 व 28 फरवरी 2019 एक शिकायत देकर सरपंच रेखा पर 11 आरोप लगाए थे। इस शिकायत की जांच खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सफीदों को सौंपी गई थी। जिस पर बीडीपीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करके उपायुक्त को 11 जून 2019 को भेज दी थी। इस जांच में बीडीपीओ ने आरोप संख्या 4, 7 व 9 सही पाए गए थे। जांच रिपोर्ट में बीडीपीओ ने लिखा कि गांव में लगे वाटर कूलरों की मौके पर जाकर जांच की गई तो एक वाटर कूलर मिडिल स्कूल, एक मलिक चौपाल व एक बैरागी मौहल्ला में लगा हुआ पाया गया लेकिन ख्उनमें से चालू सिर्फ एक मिडल स्कूल वाला पाया गया। वाटर कूलरों में सरपंच द्वारा अधिक रेट से बिल बनवा करके ग्राम पंचायत को 2 लाख 80 हजार रुपए की वित्तीय हानि पहुंचाई गई। इसके अलावा ग्राम पंचायत द्वारा आरसीसी पत्थर के बैंचों के लिए ग्रीन नेटवर्क जींद को 3 लाख 39 हजार 774 रुपए का चेक जारी किया गया। जब मौके पर जाकर देखा गया तो विभिन्न स्थानों पर 75 बैंच रखे हुए मिले लेकिन 25 बैंच कहीं भी रखे नहीं पाए गए। ऐसा प्रतीत होता है कि सरपंच द्वारा 25 बैंच खरीदे ही नहीं गए और अधिक बिल बनवाकर 84,845 रुपए का गबन किया गया है। गांव में सरपंच द्वारा 6 शौचालयों का निर्माण करवाया गया। जब मौका देखा गया तो 3 सरकारी स्कूल में, एक सरकारी अस्पताल में, एक बाल्मीकि चौपाल व एक आंगनवाड़ी में पूरे नहीं पाए गए। इन शौचालय को पूर्ण करवाने के लिए सरपंच को मौके पर निर्देश दिए गए थे। आदेश में उपायुक्त ने कहा कि इस केस को सुनने के बाद वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि ग्राम रोझला की सरपंच रेखा ने सरकार की नीतियों की उल्लंघना व अपने पद का दुरुपयोग किया गया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार सरपंच द्वारा वाटर कूलरों में 2 लाख 80 हजार रूपए, आरसीसी बैंचों में 84, 843 रूपए समेत कुल 36,4843 रूपए गबन किया गया है।
जिसके दृष्टिगत सरपंच रेखा तो पहले ही आरोपित करके एसडीएम सफीदों को नियमित जांच अधिकारी नियुक्त किया जा चुका है। सरपंच रेखा के विरुद्ध लगाए गए आरोप इतने गंभीर प्रवृत्ति के हैं कि जिनके नियमित जांच में सिद्ध होने पर इनको सरपंच के पद से हटाया जा सकता है। उपायुक्त ने सरपंच रेखा को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51 के शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरपंच पद से निलंबित करने के साथ-साथ इसी अधिनियम की धारा 51 (2) के तहत भविष्य में पंचायत की कोई भी कार्रवाई में भाग लेने पर रोक लगाई है। इसके साथ सरपंच रेखा को ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड व धनराशि चल-अचल संपत्ति को तुरंत प्रभाव से पंचायत में बहुमत रखने वाले पंचख् सौंपने के आदेश दिए हैं। इसके साथ-साथ खंड विकास अधिकारी निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत का चार्ज बहुमत वाले पंच को तत्काल दिलवाया जाए।
इस मामले में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को ग्राम सरपंच रेखा ने निराधार बताते हुए कहा कि तात्कालीन बीडीपीओ जितेंद्र ने बिना मौका देखे अपनी जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों सौंप दी गई। उन्होंने कहा कि गांव में मौके पर चालू हालत में वाटर कूलर लगे हुए हैं। इसके अलावा गांव में पूरे बैंचलगावाए गए थे, जिसमें से 25 बैंच गांव के शरारती तत्वों ने उन्हे तोड़ दिया गया या कहीं फेंक दिया गया। जिसके संबंध में उन्होंने 29 नवंबर 2018 को सफीदों थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इसके अलावा वे हर प्रकार की जांच के लिए तैयार है।
