VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – कोरोना वायरस की महामारी के दौरान हुए लोकडाउन में अपने प्रदेश से बिछड़कर बेघर हुए परिवारों व बेसहारा परिवारों के लिए आज एक ग्राम सचिव मसीहा बनकर घूम रहा है। जोकि सैकड़ों परिवारों को पिछले 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान समय-समय पर उन्हें राशन व कपड़े पहुंचा रहा है। ताकि वह भरपेट रहे। जी हां हम बात कर रहे हैं सफीदों के ग्राम सचिव ईश्वर की। जो बेसहारा परिवार को ही नहीं, बल्कि अपने प्रदेशों से बिछड़े लोगों को भी अपनी नेक कमाई में से पैसे खर्च करके उन्हें रसोई राशन पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अपने ग्राम सचिव की तनखा में से दस परसेंट की बजाए, 25 प्रतिशत वेतन सरकार में देने का काम किया है। साथ ही उनकी जो आर्मी से रिटायर्ड होने के बाद की पेंशन मिलती है, उसमें से भी हर माह की पेंशन से 25 प्रतिशत हिस्सा आर्मी में देने का काम किया है। ग्राम सचिव ईश्वर का कहना है कि जब-तक यह महामारी हमारे देश व प्रदेश ने नहीं भाग जाती, तब-तक वह बेसहारा एवं बेघर लोगों को राशन पहुंचे रहेंगे। ताकि कोई भी व्यक्ति या पशु भूखा ना सोए। स्थिति सामान्य होने तक अपनी हर माह की तनखा में से 25 प्रतिशत हिस्सा सरकार को दान करते रहेंगे। पंचायत सेक्रेटरी ईश्वर ने कहा कि इसके अलावा उन्होंने तीनों सेनाओं को 11-11 हजार रुपए देने के साथ-साथ हरियाणा पुलिस विभाग व बेसहारा पशु के लिए भी 11 हजार रुपए दिए है। इसके पीछे उनका मुख्य उद्देश्य है कि उनकी तरह अन्य अधिकारी भी एक समाजसेवा का रूप लेकर आगे आए और गरीब लोगों का सहारा बनें, ताकि हमारे क्षेत्र के साथ प्रदेश व देश में कोई भी भुखमरी का शिकार ना हो।
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हमें सेके्रटरी पहुंचा रहा है राशन:- लॉकडाउन के चलते राजस्थान के अलवर जिले से गांव खेड़ाखेमावती में सड़क किनारे अपना बसेरा बनाए बैठे एक परिवार ने कहा कि उन्हें ग्राम सचिव ईश्वर पूर्ण रूप से रसोई राशन पहुंच रहा है। इस परिवार में तीन लड़कियों के साथ छोटे बच्चों समेत कुल सात सदस्य सड़क किनारे ही अपना बसेरा बनाए हुए है। राजस्थान निवासी बोलू एवं उनकी पत्नी राधा का कहना है कि उनकी दो लड़कियां जवान है,ऐसे में सफीदों प्रशासन द्वारा उनकी किसी धर्मशाला में ठहरने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। वह एक माह पहले दो मोटरसाइकिलों पर राजस्थान से सफीदों में आए थे। इससे पहले वह ढोलकी बचाकर माग कर भोजन खाते थे, लेकिन लॉकउाउन होने के बाद उन्होंने कई बार खेड़ाखेमावती के पास हुड्डा सैक्टरों में से जाने की भी कोशिश की लेकिन, पुलिस द्वारा उन्हें रोक लिया गया। एकदम से लॉकडाउन होने से वह कहीं नहीं जा पाए। ऐसे में उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है उन्हें या तो उन्हें अपने प्रदेश जाने का पास बनाकर दिया जाए या फिर उनकी किसी धर्मशाला में ठहरने का व्यवस्था करवाया जाए, ताकि उन्हें कोई परेशान ना कहें और लड़कियां की भी उन्हें कोई चिंता ना रहें।

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ग्राम सचिव ईश्वर सफीदों में ही नहीं, जब वह जींद से गांव-गांव होते हुए अपनी राशन से भरी गाड़ी में चलते है तो उन्हें कोई गरीब परिवार दिखाई देते है तो उन्हें वह राशन देते हुए आते है। साथ ही सोमवार को सोशल मीडिया पर उनकी राशन देने हुए फोटो देकर जब रोहतक से एक बेघर परिवार फोन आया तो उन्होंने वहा भ्भी राशन पहुंचने का काम किया। इतना ही नहीं सफीदों प्रशासन के पास भी अगर कोई व्यक्ति राशन आदि की गुहार लगाने पहुंचता है तो उन्होंने एसडीम कार्यालय में भी अपना फोन नंबर दिया हुआ है। जिसके बाद वह उन लोगों तक भी राशन पहुंचाने का काम करते है।
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इस मामले में जब हमारे सवाददाता ने एसडीएम मनदीप कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि फिलहाल मामला उनके संज्ञान में नहीं था। इसलिए वह मौका देखकर किसी धर्मशाला में उनका ठहरने का प्रबंध करवाऐंंगे और साथ ही एसडीएम ने यह भी कहा कि उन्हें मंडी में काम भी दिलवाया जाएगा। ताकि उन्हें कोई परेशान ना हो सकें।
