VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – उपमंडल के गांव रामपुरा में स्थित बीएसएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में जय हिंद मंच द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें जय हिंद मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश जयहिंद ने विशेष रूप से शिरकत की। उसके साथ ग्रह मंत्रालय भारत सरकार की महिला डायरेक्टर चित्रलेखा व हरियाणा प्रदेश जयहिंद मंच के वाइज चेयरमैन अशोक राणा भ्भी कार्यक्रम में पहुंचे। जयहिंद मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश जयहिंद ने मंच संगठन बारे विस्तार से जानकारी दे हुए बताया कि हमारा देश भारत जो कभी सोने की चिडिय़ा कहलाता था। वह सभी धर्मांे के लोग अपने आपसी भाईचारे, सौहार्द व प्रेम-प्यार के लिए विश्व भर में एक मिसाल थी, पर वर्ष 1985 में देश के पड़ोसी, दुश्मन मुल्क पाकिस्तान के गलत मंसूबों के चलते देश के सबसे खुशहाल कहलाने वाले पंजाब राज्य से खालिस्तान बनाए जाने की चिंगारी भड़की थी। जिसके चलते देश के हजारों मासूम बेगुनाह लोगों को अपनी जानें गवानी पड़ी थी। सुरेश जयहिंद ने कहा कि यह देश का वो अभागा दौर था जब देश का हर नागरिक व बच्चा-बच्चा इस घटना से आहत हुआ था। उस कठिन दौर में पंजाब के हजारों परिवारों को अपनी जान बचाने के लिए अपनी रोजी-रोटी छोड़कर देश के अन्य राज्यों में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा था और देश के अन्य कई राज्यों में भी इसका असर देखने को मिलता था। जिसके चलते मैंने 1985 में ही जय हिंद मंच संगठन की स्थापना की थी ओर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोडऩे की एक मुहिम चलाई थी। जिसका परिणाम है कि आज सन 2020 में हमारे जय हिंद मंच के साथ देश की राजधानी दिल्ली सहित नौ राज्यों के करीब दस लाख 54 हजार सदस्या जुड़कर देश हित जैसे कई अहम कार्यों में सबसे आगे रहते है। निकट भविष्य में जय हिंद मंच इस संख्या को करोड़ों की तादाद में तब्दील करने के लिए देश भर में अभियान चलाएगी। सफीदों के प्रसिद्ध समाजसेवी एडवोकेट सियाराम भारद्वाज व अरुण खर्ब द्वारा समाजहत में किए जा रहे कार्यों से अत्यंत प्रभावित होकर उन्हें भी जयहिंद मंच से राष्ट्रीय स्तर पर जुडऩे का प्रस्ताव रखा गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश जय हिंद ने बताया कि सन 1985 में जब पंजाब में खालिस्तान की चिंगारी भड़की हुई थी तो उनके जय हिंद मंच ने खालिस्तान के विरुद्ध आवाज उठाई थी। जिसका व्यापक असर भी हुआ था। साथ ही सन 1988 में कश्मीर के लाल चौक पर उनके जय हिंद मंच के सैकड़ों युवाओं ने विषम परिस्थितियों में भारत की आन,बान, शान, कहलाने वाले तिरंगे को फहराने का भी कार्य किया था। सुरेश जय हिंद ने बताया कि वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हुए नहीं हैं, उनका मकसद आजीवन केवल देशभक्ति के लिए कार्य करना है। जिसके लिए उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी गणमान्य लोगों को जातिवाद,क्षेत्रवाद, वंशवाद,गौत्रवाद, इन सभी विषयों से ऊपर उठकर सबसे पहले आजीवन राष्ट्रवाद व देश भक्ति को ही सर्वोपरि मानने की महत्वपूर्ण शपथ भी दिलाई।
