VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – लॉकडाउन के दौरान गांवों में राशन वितरण प्रणाली से ग्रामीण संतुष्ट दिखाई नहीं दे रहे हैं। अभी धर्मगढ़ गांव में राशन डिपो विवाद कुछ निपटा ही है और अब उपमंडल के गांव रोहढ़ में भी इस प्रकार का विवाद खड़ा हो गया है। एक तरफ ग्रामीणों का कहना है कि उन्हे डिपो होल्डर द्वारा राशन वितरण नहीं किया गया, जबकि डिपो होल्डर का कहना है कि उसने सारा राशन ग्रामीणों को बांट दिया है। इस गांव के लोग राशन डिपो के सामने जमकर बवाल काट रहे थे और डिपो होल्डर पर राशन न देने व मनमानी करने के आरोप लगा रहे है। राशन लेने आए ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डिपो होल्डर की सूची में नाम नहीं होने व पीछे से राशन नहीं आने के बहाने लगाकर राशन देने से कन्नी काट रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकार ने गरीबो के लिए अप्रैल में दो बार राशन देने की बात कही है जिसमे गेंहू, चीनी, तेल व दाल देने की बात कही है लेकिन हमें सिर्फ गेंहू ही मिला है और वह भी पूरी मात्रा में प्राप्त नहीं हुआ है। कुछ ग्रामीणों ने तो गेंहू भी नहीं मिलने की बात कही है। ग्रामीणों का कहना है कि चीनी व तेल मिलना तो दूर की बात है, डिपो से वजन में भी ग्रामीणों के साथ धोखा किया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस महामारी की स्थिति में उन्हे राशन की बेहद जरूरत है। बिना राशन के उनके परिवारों को भूखा रहना पड़ रहा है। डिपो होल्डर जसपाल का कहना है कि जिनका सूची में नाम है उन्हें राशन दिया जा रहा है। कुछ परिवारों के सदस्यों का नाम राशन कार्ड में नहीं है। लोग जबरन उनका भी राशन मांगने लगते हैं और कहासुनी पर उतर आते हैं। जसपाल ने बताया कि गुलाबी कार्ड पर पहली बार मे 35 किलो व बीपीएल व ओपीएच पर पांच किलो प्रति व्यक्ति बांटने के आदेश हैं। वहीं दूसरी बार में हरे रंग के कार्ड को छोड़कर अन्य तीनों कार्डों पर पांच किलो प्रति यूनिट के हिसाब से राशन बांटा जा रहा है। अभी तक विभाग की ओर डिपो में वितरण के लिए तेल, चीनी व दाल आई ही नहीं है। इस गांव के 463 कार्ड धारक लाभपात्रों को लाभ प्रदान किया जा रहा है।
