VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – सफीदों में सहकारी विभाग की वित्तीय संस्था रामपुरा पैक्स के एक कर्मचारी को 11 लाख रूपए से अधिक के कथित बकाया वेतन के भुगतान के मामले मे विवाद छिड़ गया है। रामपुरा पैक्स आसपास के 28 गावों की सहकारी संस्था है जो अपने सदस्यों को निर्धारित अधिकतम ऋण सीमा के अनुसार कृषि व गैरकृषि ऋण जारी करती है। उक्त कर्मचारी को जारी चैकों को सरासर नाजायज करार देते हुए इस पैक्स की प्रबंधक समिति के प्रधान रामनिवास ने खुद इसकी शिकायत मु यमंत्री की विंडो मे की है। अब हालत यह है कि यहां के जिस सहायक रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां बिरेंद्र सिंह के होते उक्त कर्मचारी को दो लाख रूपए की राशी के चैक का भुगतान हो गया और शेष राशी का भुगतान सहकारी बैंक के प्रबंधक ने रोक लिया उसी सहायक रजिस्ट्रार को इस मामले की जांच करने का निर्देश ऊपर से हुआ है। दरअसल पैक्स के कर्मचारियों तथा प्रबंधक समिति के सदस्यों की खींचतान में ही यह मामला शिकायत का रूप ले गया जिसमे शिकायतकत्र्ता प्रधान का आरोप है कि उक्त कर्मचारी को वेतन देने के मामले मे पैक्स के प्रबंधक ने कई अन्य विभागीय लोगों से मिलकर फर्जीवाड़ा किया है और जो भुगतान किया गया है तथा जो उसे जारी किए गए चैक भुगतान के लिए लंबित हैं उनमें विभागीय प्रक्रिया अमल में लाए बगैर नियमों को ताक पर रखकर चैक जारी कि गए हैं जिनकी जांच करके नाजायज तौर पर भुगतान की गई राशी को वसूल किया जाना चाहिए। बता दें कि इस मामले के जांच अधिकारी, सफीदों के सहायक रजिस्ट्रार का अतिरिक्त पदभार फिरोजपुर झिरका के सहायक रजिस्ट्रार बिरेंद्र सिंह के पास है। इस मामले की सुनवाई के लिए दोनो पक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं।
क्या कहते है पैक्स प्रबंधक:
इस मामले मे रामपुरा पैक्स के प्रबंधक राजिंद्र कुमार ने बताया कि कर्मचारी का बकाया वेतन बनता था और उसने इसके भुगतान को श्रम न्यायालय तथा विभाग के उपरजिस्ट्रार से आदेश लिया हुआ था। उन्होंने कहा कि ऐसे मे वह चैक जारी नहीं करते तो अदालत की अवमानना का मामला उन्हें ही झेलना पड़ता। राजिंद्र कुमार ने बताया कि कर्मचारी को कुल 11 लाख रूपए की राशी के तीन चैक बीते जनवरी माह मे उनके पैक्स द्वारा जारी किए गए थे जिनमे एक चैक दो लाख रूपए का कैश हो चुका है जबकि एक सात लाख रूपए तथा एक दो लाख रूपए की राशी के चैक का भुगतान सहकारी बैंक मे रोक लिया गया और इन दोनो चैकों का भुगतान आज तक लंबित है
