VS News India | Vinay Balmiki | Shravasti : – तीन तलाक को भले ही कानून बनाकर प्रतिबंधित पर दिया गया हो, लेकिन एक समाज आज भी उसी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। हद तो इस बात की है कि मामूली विवाद के बाद पति पत्नी को तलाक दे देता है। जब पत्नी उसे मानने से इनकार करती है तो उसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। और बहू बेटियों को समानता का अधिकार देने की बात करने वाला समाज तमाशबीन बना रहता है। एक ऐसा ही वाकया भिनगा कोतवाली क्षेत्र के गड़रा गांव में हुआ है। जहां एक माह पूर्व 22 वर्षीय सइदा का किसी बात को लेकर फोन पर अपने पति रफीक से तू-तू मै-मै हो गई थी। पति ने मुंबई से ही फोन पर पत्नी को तीन तलाक दे दिया। लेकिन सइदा ने पति का घर नही छोड़ा। बताया जाता है की शुक्रवार को धर्म की आड़ में अपना धन्धा चला रहे कुछ ठेकेदारों की पंचायत बैठी और सइदा को ही दोषी ठहराते हुए तीन तलाक मानने का दबाव बनाया गुण। जब सइदा ने उसे मानने से इनकार किया तो उसके पति ने ही उसे घर ले जाकर जिंदा जला दिया। घटना के बाद से ही सइदा के पति सहित पूरा परिवार फरार है। उसके पिता की तरफ से भिनगा कोतवाली में बेटी को जलाकर मारने की तहरीर दी गई है। पुलिस शव का पंचनामा कराकर कार्यवाई की बात कह रही है। लेकिन हद तो इस बात की है कि जिस कुप्रथा को खत्म करने के लिए देश की सर्वोच्च न्यायिक अदालत ने कानून बनाने की बात कही थी और देश की संसद ने कानून बना भी दिया। उसके बाद ऐसे मामले सभ्य समाज के मुह पर तमाचा हैं।
बाईट:- बीसी दूबे (एएसपी)
बाईट:- मृतका के पिता।
बाईट:- मृतका का चचेरा भाई।
बाईट:- मृतका का मामा।
