VS News India | Reporter – Sanju | Safidon : – हरियाणा कला परिषद चंडीगढ़ और संगीत नाट्क अकादमी नई दिल्ली के सौजन्य से तीसरा सर्पदमन नाट्य उत्सव नगर के रामलीला मैदान में शनिवार रात्रि शुरू हुआ। जिसमें मुख्यातिथि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य एडवोकेट विजयपाल एवं विशिष्ट अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष अमरपाल राणा उपस्थित रहें। इस दौरान रास रत्न सम्मान समारोह में सफीदों के विभिन्न क्षेत्रों में महान कार्य करने वाले आठ विभूतियों को भी सम्मानित किया गया। जिनमें समाजसेवा में हरियाणा गौसेवा आयोग के सदस्य समाजसेवी श्रवण गर्ग, योगा एवं व्यायाम गुरु संतोष रानी, बीडीपीओ कीर्ति सिरोहीवाल, डॉ.लवकेश अग्रवाल, श्याम सुंदर मेहता, व्यवसाय में सरदार जसबीर सिंह, शिक्षा के क्षेत्र में सुरेश गुप्ता को, सुशील वर्मा को समाज कल्याण में सेवा देने पर नवाजा गया। उत्सव की अध्यक्षता रास कला मंच के संस्थापक रासबिहारी भारद्वाज व निदेशक रविमोहन रास ने की।

मुख्यतिथि विजयपाल सिंह ने कहा कि सैनिक हमारे देश के प्रहरी होते हैं। जब तक वे सीमा पर तैनात हैं, तब तक हम चैन की सांस ले पा रहे हैं। राष्ट्र की सुरक्षा, एकता व अखंडता को बनाए रखने में हमारे भारतीय सशस्त्र सेनाओं का योगदान, वीरता व साहस किसी से छुपा नहीं है। चाहे वह सीमा पर सर्जिकल स्ट्राइक हो या अन्य किसी दुश्मन देश द्वारा भारत की सीमाओं पर हमला हो। रास कला मंच के निर्देशक रवि मोहन भारद्वाज ने कहा कि किस तरह से हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र के वीर सैनिकों ने अपनी शहादत से 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के दौरान रेजांग ला पोस्ट पर वीरता व साहस की एक अमित यादगार उकेरी गई। इस नाट्क के माध्यम से हमने दिखाया है कि युद्ध में
रेजांगला कुमाओ रेजीमेंट के 13 कुमाऊं दस्ते (अहीर टुकड़ी) का अंतिम मोर्चा था। इस दस्ते का नेतृत्व मेजर शैतान सिंह भाटी कर रहे थे। भारत चीन के इस युद्ध में 100 से ज्यादा भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे। मात्र सात सैनिकों ने अपने साहस व वीरता का परिचय देते हुए लगभग 2000 चीनी सैनिकों को मार गिराया था। इन्हीं सैनिकों की याद में हरियाणा के रेवाड़ी में एक स्मारक भी बनाया गया है। इन्हीं सैनिकों की याद में रेजांगला पर भी एक युद्ध स्मारक है जिस पर थॉमस बेबिंगटन मैकाले की कविता होरेेशियो के कुछ अंश के साथ उस प्रत्येक मुठभेड़ की स्मृति लिखी हुई है।
