खिलखिलाती सुबह है, है ताजगी भरा सवेरा
फूलों और बहारों ने, है रंग अपना बिखेरा
बस इंतज़ार है आपकी एक मुस्कराहट का
जिसके बिना… ये दिन है अधूरा!
हर सुबह आपकी इतनी सुहानी हो जाए…
कि गम की हर बात पुरानी हो जाए…
खिले मुस्कान आपकी ऐसे कि
ख़ुशी भी आपकी दीवानी हो जाए
हर सुबह आपको जगाना अच्छा लगता है
नींद से आपको उठाना अच्छा लगता है
सोचता हूँ हर पल आपके बारे में
आपको ये बताना अच्छा लगता है
अपनी आंखों को जगा दिया हमने
सुबह का फर्ज अपना निभा दिया हमने
मत सोचना कि बस यूं ही तंग किया हमने
उठकर सुबह भगवान के साथ
आपको भी याद किया हमने
कल का दिन किसने देखा है,
तो आज का दिन भी खोए क्यों?
जिन घड़ियों में हंस सकते हैं,
उन घड़ियों में रोए क्यों?
